tag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post4590998374745503498..comments2023-09-05T21:18:29.709+05:30Comments on ब्लॉगोत्सव २०१०: क्या हम अपना भविष्य देख सकते हैं?रवीन्द्र प्रभातhttp://www.blogger.com/profile/11471859655099784046noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post-83212137619101861412010-11-06T00:02:18.182+05:302010-11-06T00:02:18.182+05:30subscribing for e-mails.subscribing for e-mails.Yogihttps://www.blogger.com/profile/15382350910254695035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post-75457741972344801002010-11-05T23:52:59.969+05:302010-11-05T23:52:59.969+05:30आपकी पोस्ट बेहद दिलचस्प लगी.
ये चीज़ तो स्पष्ट हो...आपकी पोस्ट बेहद दिलचस्प लगी. <br />ये चीज़ तो स्पष्ट हो गयी कि हम अगर प्रकाश की गति से तेज चल पायें तो शायद हम अपना भूतकाल में घटी घटनाएं देख सकते हैं.<br /><br />मगर भविष्य को देखना कैसे मुमकिन होगा? <br />मुझे ये बात अभी भी समझ नहीं आई है. <br />जो घटना घटी ही नहीं है अब तक, उसे कोई कैसे देख सकता है?<br /><br />अगर उस सितारे वाला उदहारण को भी लिया जाए, जो सितारे के बिलकुल पास है और उसने देखा कि सितारा अभी पैदा हुआ है, जब कि दुसरे के अनुसार वो पैदा नहीं हुआ. इस तरह से वो भविष्यवाणी कर सकता है कि १ लाख साल के बाद एक सितारा पैदा होगा. <br /><br />मगर कोई मेरे बारे में कैसे भविष्यवाणी करेगा? उपरोक्त उदहारण में तो observer, source के बिलकुल पास है. लेकिन अगर किसी को मेरा भविष्य बताना है, तो उसे मुझसे मेरे से भी ज्यादा नज़दीक होना पड़ेगा. <br /><br />मुझे अभी भी लगता है कि भविष्य बताना संभव नहीं है, even theoretically also.Yogihttps://www.blogger.com/profile/15382350910254695035noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post-46817472406839441602010-05-10T14:28:06.783+05:302010-05-10T14:28:06.783+05:30Dhanywaad Awinash JiDhanywaad Awinash Jizeashan haider zaidihttps://www.blogger.com/profile/16283045525932472056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post-69593703009283346612010-05-10T09:22:18.472+05:302010-05-10T09:22:18.472+05:30आज दिनांक 10 मई 2010 के दैनिक जनसत्ता में संपादकी...आज दिनांक 10 मई 2010 के दैनिक जनसत्ता में संपादकीय पेज 6 पर समांतर स्तंभ में भविष्य का यथार्थ शीर्षक से आपकी यह पोस्ट प्रकाशित हुई है, बधाई।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post-18456316129073872392010-04-29T12:11:05.955+05:302010-04-29T12:11:05.955+05:30वत्स जी, कोई घटना हम तभी देखते हैं जब उसका प्रकाश ...वत्स जी, कोई घटना हम तभी देखते हैं जब उसका प्रकाश हमारी आँखों तक पहुँचता है. प्रकाश निर्वात में तीन लाख प्रति सेकण्ड की रफ़्तार से चलता है. अब यदि कोई ऐसी किरण बन जाए जो प्रकाश से भी सैंकड़ों गुना तेज़ चलती हो तो उसके द्वारा हम अपने भूतकाल को उस समय का प्रकाश पकड़कर देख सकते हैं, क्योंकि उस समय का प्रकाश अपनी यात्रा करते हुए ब्रह्माण्ड में कहीं न कहीं अवश्य होगा.zeashan haider zaidihttps://www.blogger.com/profile/16283045525932472056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post-15654318907342154312010-04-29T06:40:00.027+05:302010-04-29T06:40:00.027+05:30पंडित शर्मा जी की बात का जवाब दीजिये -बहुत रोचक ल...पंडित शर्मा जी की बात का जवाब दीजिये -बहुत रोचक लिखा है आपनेArvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post-45410397982601810192010-04-29T00:43:33.005+05:302010-04-29T00:43:33.005+05:30साइंटिस्ट डा0 अतुल इस किरण को अंतरिक्ष में भेजता ह...<b>साइंटिस्ट डा0 अतुल इस किरण को अंतरिक्ष में भेजता है और उस रौशनी को कैच कर लेता है जो उसकी पैदाइश के वक्त उसके पास मौजूद थी। इस तरह वह खुद अपनी पैदाइश का आब्जर्वर हो जाता है।</b><br /><br />लेख बहुत उम्दा लगा..लेकिन उपरोक्त लाईनों में कहीं कुछ छूट गया लगता है...अपका कहना है कि डा.अतुल प्रकाशकिरण को अन्तरिक्ष में भेजता है..और साथ ही आप कह रहे हैं कि वो उस रौशनी को कैच कर लेता है जो उसके जन्म के समय उसके पास मौजूद थी.....अब यहाँ बात बिल्कुल सिर के ऊपर से निकले जा रही है...हो सके तो इस शंका का समाधान कीजिएगा.....<br />धन्यवाद्!Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post-24910867484158856422010-04-28T16:40:24.806+05:302010-04-28T16:40:24.806+05:30सटीक वैज्ञानिक लेखन के लिए जीशान जैदी जी को धन्यव...सटीक वैज्ञानिक लेखन के लिए जीशान जैदी जी को धन्यवाद !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9184571002559802353.post-2644107262792676902010-04-28T13:06:45.615+05:302010-04-28T13:06:45.615+05:30सही तथ्यों को उजागर किया हैसही तथ्यों को उजागर किया हैरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com